Hindustan Hindi News

[ad_1]

पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी 18 अगस्त 2022 को गृहस्थ (स्मार्त) लोग मनाएंगे। 19 अगस्त 2022 को साधु संत (वैष्णव) लोग जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाएंगे।

सिविल लाइन स्थित धार्मिक संस्थान विष्णु लोक के ज्योतिषविद पंडित ललित शर्मा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया, कि जन्माष्टमी का पावन पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रानुसार मथुरा में भगवान श्री कृष्ण का जन्म अर्ध रात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि को हुआ था। 18 अगस्त 2022 को अष्टमी तिथि अर्धरात्रि व्यापिनी है।

अत: गृहस्थ जीवन जीने वाले( स्मार्त ) लोगों को 18 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाना श्रेष्ठ रहेगा। 18 अगस्त को वृद्धि और ध्रुव योग का निर्माण भी हो रहा है। शास्त्रानुसार ये योग बहुत शुभ माने गए हैं। इस योग में किए गए कार्यों का परिणाम शुभ होता है।

Surya Rashi parivartan 2022: आज अपनी ही राशि में आएंगे सूर्य, इस राशि के लोगों को राहु एवं शनि के उपाय देंगे लाभ

19 को साधु संत (वैष्णव) लोग जन्माष्टमी मनाएंगे। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात्रि में 12:00 बजे हुआ था । 18 अगस्त 2022 को रात्रि में 12:00 बजे अष्टमी तिथि रहेगी। 19 अगस्त को रात्रि 12:00 बजे अष्टमी तिथि नहीं रहेगी अत: गृहस्थियों को 18 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ एवं शास्त्र सम्मत होगा।

इन मंत्रों का करें जाप

  • पंडित ललित शर्मा ने बताया कि जन्माष्टमी के दिन प्रात: काल संकल्प पूर्वक व्रत अनुष्ठान करके ॐ नम: भगवते वासुदेवाय, ॐ कृष्णाय वासुदेवाय गोविंदाय नमो नम: मंत्रो का जाप करें। गोपाल सहस्रनाम, हरिवंश पुराण का पाठ करें कीर्तन आदि तथा रात्रि को श्री कृष्ण बाल रुप का पूजार्चन, झूला झुलाना, चंद्र अघ्र्य,दान, जागरण आदि शुभ कार्य श्रद्धानुसार करें।

[ad_2]

Source link

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *