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हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। माघ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी के दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, जया एकादशी पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और पारणा टाइम….
मुहूर्त-
- एकादशी तिथि प्रारम्भ – फरवरी 11, 2022 को 01:52 पी एम बजे
- एकादशी तिथि समाप्त – फरवरी 12, 2022 को 04:27 पी एम बजे
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पारणा टाइम- 13 फरवरी को 07:01 ए एम से 09:15 ए एम
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 06:42 पी एम
भगवान विष्णु की पूजा के शुभ मुहूर्त-
- ब्रह्म मुहूर्त- 05:19 ए एम से 06:11 ए एम
- अभिजित मुहूर्त- 12:13 पी एम से 12:58 पी एम
- विजय मुहूर्त- 02:27 पी एम से 03:11 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त– 05:58 पी एम से 06:22 पी एम
- अमृत काल– 10:17 पी एम से 12:04 ए एम, फरवरी 13
- निशिता मुहूर्त– 12:09 ए एम, फरवरी 13 से 01:01 ए एम, फरवरी 13
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इस विधि से करें श्री हरि की पूजा- अर्चना-
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
- भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
- अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
- भगवान की आरती करें।
- भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
- इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
- इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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