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पितृ पक्ष की शुरूआत पर लोगों ने पितरों को तर्पण कर याद किया। सरावरों में तर्पण के लिए सुबह से लोग पहुंचे। मान्यता है कि तर्पण से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भाद्रपक्ष मास की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरूआत होती है। पंडित त्रिपुरारी चतुर्वेदी का कहना है कि हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष में पितरों के आर्शीवार्द से परिवार में सुख समृद्धि आती है, जबकि पितृ दोष से कलेश और कष्ट मिलते है। पितृ पक्ष में श्राद्ध आदि भी किया जाता है।
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शनिवार को सुबह से मुख्यालय के कीरत सागर, कल्याण सागर सहित अन्य सरोवरों में सुबह से तर्पण के लिए लोग पहुंचने लगे। यहां ब्राम्हणों के द्वारा तर्पण कराया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी तर्पण के लिए लोग सरोवर पहुंचे। पितृ पक्ष में लोग नए कार्यों सहित मांगलिक कार्य करने से परहेज करते है। बताया जा रहा है कि इस बार पितृ पक्ष 16 दिनों तक चलेगा। पितरों की तिथि में पिंडदान किया जाता है। तर्पण में कुश, काला तिल का उपयोग किया गया। पितरों से लोगों ने गलती की क्षमा मांगी।
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