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सकट चौथ का पर्व हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की चर्तुर्थी को मनाया जाता है। इस साल यह आज शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की कुशलता के लिए व्रत रखती हैं। व्रत का पारण रात चंद्रमा को अर्घ्य देकर किया जाता है। चौथ का चांद हमेशा देर से निकलता है। साल भर की सभी गणश चतुर्थी व्रत चांद के दर्शन के बाद ही संपन्न होता है।
सकट चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को भी बेसब्री से चांद के दर्शन का इंतजार रहता है, क्योंकि इसी के बाद व्रत पूर्ण होता है। सभी व्रती महिलाएं अर्घ्य देने से पहले पूजा की तैयारी अच्छे से कर लें। दिल्ली में 9 बजे तक चांद निकलने का समय था, लेकिन अभी तक चांद के दर्शन नहीं हो पाए हैं। इसलिए व्रती महिलाएं ज्योति, जल, तिल का प्रसाद आदि लेकर चांद की पूजा की तैयारी कर लें।
सकट चौथ: चांद निकलते ही होगी पूजा, जानिए अपने शहर का चंद्राेदय टाइम
अर्घ्य के बाद घर में सास, ननद आदि को वायना देकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। सास को बायना और पैसे भी दिए जाते हैं। परंपरा है कि इस दिन तिल और गुड़ को कूट कर तिलकुट बनाया जाता है। कुछ घरों में इन तिलकुट को बकरे का आकार दिया जाता है। बाद में घर के बेटे से इसकी कर्दन कटवा दी जाती है। भगवान शिव परिवार तथा भगवान गणेश की पूजा अर्चना भी इस दिन जरूर की जाती है।
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