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Sawan Month 2022 Start Date : हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत अधिक महत्व होता है। सावन का महीना हिंदू पंचांग का पांचवा महीना होता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव की विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए। सावन के महीने के सोमवार का महत्व और भी अधिक होता है। इस माह में शिव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं सावन का महीना कब से शुरू होगा…

कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना…

  • इस साल 25 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो जाएगा। 25 जुलाई से 22 अगस्त तक सावन का महीना चलेगा।

सावन का पहला दिन- 14 जुलाई 2022, गुरुवार

सावन का आखिरी दिन- 12 अगस्त, शुक्रवार

सावन सोमवार लिस्ट

  • सावन का पहला सोमवार- 18 जुलाई
  • सावन का दूसरा सोमवार- 25 जुलाई
  • सावन का तीसरा सोमवार- 01 अगस्त
  • सावन का चौथा सोमवार- 08 अगस्त  

सावन के महीने का महत्व

  • सावन के महीने का बहुत अधिक महत्व होता है। 
  • इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। 
  • इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है।
  • जिन लोगों के विवाह में परेशानियां आ रही हैं उन्हें सावन के महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं। 
  • इस माह में शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

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सावन महीने पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
  • भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
  • भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
  • भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। 
  • भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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भगवान शिव की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री-

  • पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

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