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Sawan Hariyali Amavasya 2022 : 28 जुलाई, गुरुवार को सावन मास की अमावस्या है। इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन पावन नदियों में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या के दिन पितर संबंधित कार्य भी किए जाते हैं। इस दिन पितर संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। इस साल सावन अमावस्या गुरुवार को पड़ रही है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। सावन अमावस्या और गुरुवार का संयोग बनने से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।  इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की ये आरती जरूर करें। आप रोजाना भी ये आरती कर सकते हैं। भगवान की आरती करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। 

  • भगवान विष्णु की आरती-

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

 

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥

 

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥

जुलाई माह का अंतिम सप्ताह इन तारीखों में जन्मे लोगों के लिए साबित होगा शुभ, देखें क्या आपको भी होगा लाभ

 

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥

 

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥

 

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥

 

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥

 

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥

 

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥

 

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥

  • मां लक्ष्मी जी की आरती

 

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

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