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मंगल पर्वत से निकलकर भाग्य एवं जीवन रेखा को छूकर जाने वाली रेखा राहु की रेखा कहलाती हैं। कभी-कभी मंगल से निकली रेखा भाग्य एवं जीवन रेखा को काटकर हृदय रेखा तक भी पहुंचती है। हस्तरेखा विज्ञान में इस रेखा को भी राहु की रेखा माना गया है। हाथ में इन रेखाओं की संख्या एक से लेकर चार तक होती है। हस्तरेखा विज्ञान में राहु की मोटी रेखाओं को महत्वपूर्ण माना गया है। जानिए जीवन पर क्या असर डालती हैं राहु की रेखाएं।
-यदि राहु रेखा जीवन रेखा को काटे तो यह दोषपूर्ण मानी गई है। इस तरह के लोगों को अपने जीवन में कदम-कदम पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जीवन में काम नहीं बन पाते। आर्थिक परेशानियां घेरे रहती हैं। यदि राहु रेखा भाग्य रेखा को काटे तो जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब रहता है और परेशानियां बनी रहती हैं। दोनों ही स्थिति में राहु रेखा व्यक्ति के व्यवसाय को भी प्रभावित करती है और वह इतनी तरक्की नहीं कर पाता जितना कि उसे लाभ मिलना चाहिए।
-यदि राहु रेखा केवल मस्तिष्क रेखा तक पहुंचे और वहां आकर रुक जाए तो यह स्थिति भी अच्छी नहीं मानी जाती। इसके भी जीवन में अशुभ परिणाम मिलते हैं। राहु रेखा की यह स्थिति भी व्यक्ति के जीवन में उथल-पुथल, दुर्घटनाएं और जेल जाने के योग बनाती है। लेकिन यदि राहु रेखा मस्तिष्क रेखा को काट दे तो यह दोष कम हो जाता है।
-व्यक्ति के हाथ में यदि लंबी राहु हो तो यह सकारात्मक मानी गई है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार राहु रेखा की यह स्थिति व्यक्ति के भाग्य को चमकाती है। ऐसा व्यक्ति जिस क्षेत्र में काम करता है उसमें उन्नति और सम्मान दोनों पाता है। इस तरह के लोग कुछ खास तरह के क्षेत्रों में काम करने वाले होते हैं। ज्यादातर वैज्ञानिक और शोध करने वाले लोगों के हाथों में इस तरह की राहु रेखाएं मिलती हैं।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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