Hindustan Hindi News

[ad_1]

हर माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कालाष्टमी का पावन पर्व मनाया जाता है। यह तिथि भगवान भैरवनाथ को समर्पित होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान भैरवनाथ की पूजा- अर्चना की जाती है। कालाष्टमी को भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। भक्तजन इस दिन भैरव बाबा को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं। कालाष्टमी के पावन दिन भैरव बाबा को प्रसन्न करने के लिए आरती जरूर करें। आरती करने से भैरव बाबा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आगे पढ़ें भैरव बाबा की आरती- 

  • श्री भैरव जी की आरती

 

सुनो जी भैरव लाडले, कर जोड़ कर विनती करूं

कृपा तुम्हारी चाहिए , में ध्यान तुम्हारा ही धरूं

मैं चरण छूता आपके, अर्जी मेरी सुन सुन लीजिए

मैं हूँ मति का मंद, मेरी कुछ मदद तो कीजिए

महिमा तुम्हारी बहुत, कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूं

सुनो जी भैरव लाडले…

करते सवारी श्वानकी, चारों दिशा में राज्य है

जितने भूत और प्रेत, सबके आप ही सरताज हैं |

हथियार है जो आपके, उनका क्या वर्णन करूं

सुनो जी भैरव लाडले…

माताजी के सामने तुम, नृत्य भी करते हो सदा

गा गा के गुण अनुवाद से, उनको रिझाते हो सदा

एक सांकली है आपकी तारीफ़ उसकी क्या करूँ

सुनो जी भैरव लाडले…

बहुत सी महिमा तुम्हारी, मेहंदीपुर सरनाम है

आते जगत के यात्री बजरंग का स्थान है

श्री प्रेतराज सरकारके, मैं शीश चरणों मैं धरूं

सुनो जी भैरव लाडले…

निशदिन तुम्हारे खेल से, माताजी खुश होती रहें

सर पर तुम्हारे हाथ रखकर आशीर्वाद देती रहे

कर जोड़ कर विनती करूं अरुशीश चरणों में धरूं

सुनो जी भैरव लाड़ले, कर जोड़ कर विनती करूं

संबंधित खबरें

सबसे अधिक भाग्यशाली होते हैं ये राशि वाले, इस राशि के सहायक होते हैं ग्रहों के राजा सूर्य देव

  • आरती श्री भैरव बाबा की

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा।

जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।

 

तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।

भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।

 

वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।

महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।

 

तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।

चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।।

 

तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।

कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।।

 

पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।

बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।

 

बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें।

कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।।

[ad_2]

Source link

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *