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इस बार महाशिवरात्रि पर्व परशनि प्रदोष व्रत का दुर्लभ संयोग पड़ने से विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इस मौके पर रुद्राभिषेक करने के लिए यजमान बनकर पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हो। पंडित रामदेव शास्त्री और अतुल अग्रवाल ने जुम्मा संभाला है। शिव रात्रि का महा पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का दिन है। मान्यता है कि यदि कोई भक्त महाशिवरात्रि की रात जागकर भगवान शिव और माता पार्वती की भक्ति और उनके लिए जागरण करता है तो वह मनवांछित फल प्राप्त करता है।

इस जागरण को भगवान भोले के महा रुद्राभिषेक एवं पार्थिव पूजन में परिवर्तित कर रात्रि जागरण करते हुए भगवान शिव को प्रसन्न करें। भगवान शिव को महा रुद्राभिषेक कर प्रसन्न करने के लिए दशम महा रुद्राभिषेक एवं पार्थिव पूजन से यहां महान विद्वानों के द्वारा रुद्री पाठ करते हुए संतान की सुख समृद्धि के लिए दूध से और रोग निवारण को औषधि से श्री की प्राप्ति के लिए शहद से और अनेक भगवान शिव को प्रिय पदार्थों से रुद्राभिषेक किया जाता है।

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पंडित रामदेव शास्त्री का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष व्रत का अत्यंत दुर्लभ संयोग बन बन रहा है। साथ ही इस दिन सर्वाथ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। बहुत फलदाई पूजा होगी।

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