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Surya Grahan date time in India : एक पखवारे के भीतर दो ग्रहण का होना विश्व के लिए शुभ नहीं है। महाभारत काल में भी 15 दिन में दो सूर्यग्रहण लगा था। उस समय महायुद्ध हुआ जिसमें लाखों लोग हताहत हुए। ये बातें पं. शिवपूजन चतुर्वेदी ने कहीं। वह गुरुवार को खगोलीय घटना के प्रभावों पर विमर्श के लिए वैदिक एजुकेशनल रिसर्च सोसायटी की ओर से आयोजित परिचर्चा की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी विश्व में सर्वत्र तनाव है। दुनिया विश्वयुद्ध के कगार पर खड़ी है। मानवता के समक्ष घोर संकट है। विश्व में लोग अभाव, भुखमरी और गहन शारीरिक-मानसिक तनाव से त्रस्त हैं। कोई समाधान नहीं समझ आ रहा। ऐसी स्थिति में मानवीय ज्ञान के अन्यतम श्रोत वेदों की शरण जाने के सिवा कोई मार्ग नहीं है। उन्होंने कहा कि वेदों में महाविनाश और अनिष्ट टालने के लिए अचूक मंत्र और यज्ञों के विधान हैं। जिन्हें अपनाकर विश्व को बचाया जा सकता है।

विशिष्ट अतिथि बीएचयू के संस्कृत विद्या एवं धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व अध्यक्ष प्रो. चंद्रमा पाण्डेय ने महाशक्तियों का आह्वान किया कि घृणा और युद्ध का मार्ग छोड़कर वेदों की शरण आएं। संकाय के प्रो. रामजीवन मिश्र ने कहा कि वैदिक धर्म का पालन करते हुए यज्ञों के माध्यम से प्रकृति में उत्पन्न विक्षोभ को शांत करने का प्रयत्न काशी के विद्वानों को करना चाहिए। 

Surya Grahan Kab Hai : इस दिन लगेगा सूर्य ग्रहण, सुबह से बंद रहेंगे सभी मंदिर

काशी में सूर्यग्रहण काल: 25 अक्टूबर 

-स्पर्श: शाम 04:42 बजे  

-मध्यकाल: शाम 05: 02 बजे

-मोक्षकाल: शाम 05: 22 बजे

-सूर्यास्त: शाम 05: 37 बजे

-सूर्यग्रहण सूर्यास्त से 15 मिनट पूर्व समाप्त हो जाएगा

-सूर्यग्रहण की सम्पूर्ण अवधि 7 घंटा 5 मिनट है किन्तु काशी में सम्पूर्ण सूर्यग्रहण 40 मिनट का है

-8 नवम्बर को खग्रास चंद्रग्रहण दृश्य होगा

ग्रहण का राशियों पर प्रभाव: 

इस वर्ष तुला राशि पर सूर्यग्रहण है। विभिन्न राशियों पर प्रभाव इस प्रकार होंगे। मेष राशि: स्त्री पीड़ा, वृष: सौख्य, मिथुन: चिन्ता, कर्क: व्यथा, सिंह: श्रीप्राप्ति, कन्या: क्षति, तुला: घात, वृश्चिक: हानि , धनु:  लाभ, मकर: सुख, कुम्भ: माननाश, मीन: मृत्यतुल्य कष्ट।

कब लगेगा सूतक ( surya grahan sutak time )

इस बार 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है। सूर्य ग्रहण शाम 4:42 बजे से 5:222 बजे तक रहेगा। इससे 12 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। यानी 24 अक्टूबर से ही सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा। सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं।

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