Vivah Panchami 2021: विवाह पंचमी महोत्सव शुरू होते ही जनकपुरधाम में गूंजे मंगल गीत

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Year 2022 Horoscope, Rashifal 2022: नए वर्ष 2022 से सभी को उम्मीद है कि यह साल सुख-शांति का तोहफा लेकर आएगा। साल 2021 की चुनौतियों की यादें आने वाले साल का हाल जानने को और उत्सुक बना रही हैं। इस जिज्ञासा के समाधान में हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं ज्योतिष और अंक ज्योतिष के विशेषज्ञों की राय में वर्ष 2022 का हाल, साथ जानें हर राशि के अनुसार खुशहाली के उपाय भी। यह भी पढ़ें कि क्या कहते हैं सितारे देश-दुनिया के लिए। आगे देखिए अपना राशिफल व उपाय-

तुला (23 सितंबर-23 अक्तूबर)
वर्ष के प्रारम्भ में मन में नकारात्मक विचारों से बचें। संयत रहें। व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। 15 जनवरी से रहन-सहन अव्यवस्थित हो सकता है। नौकरी में इच्छाविरुद्ध कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। परिश्रम अधिक रहेगा। 26 फरवरी के बाद भवन सुख में वृद्धि हो सकती है, परंतु पिता के स्वास्थ्य का ध्यान भी रखें। कारोबार में वृद्धि होगी। 12 अप्रैल के बाद कार्यक्षेत्र में कठिनाई आ सकती है। मन अशांत रहेगा। शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। सचेत रहें। खर्चों में वृद्धि होगी। कुटुंब/परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। धन की प्राप्ति होगी। मित्रों का सहयोग भी मिलेगा। 29 अप्रैल से शैक्षिक और शोधादि कार्यों में सफलता मिलेगी। शैक्षिक कार्यों के लिए विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। परिवार से अलग रहना पड़ सकता है। आय में कमी आ सकती है। नौकरी में परिवर्तन के योग भी बन रहे हैं। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन भी हो सकता है। किसी दूसरे स्थान पर भी जाना पड़ सकता है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

उपाय :
●प्रतिदिन प्रात: दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

●शनिवार को सूर्यास्त के बाद कुत्तों को मीठा भोजन खिलाएं।

●सवा आठ रत्ती का लाजवर्त चांदी की अंगूठी में दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहनें।

●मंगलवार के दिन रोटी में गुड़ रखकर गाय को खिलाएं।

 

वृश्चिक (24 अक्तूबर-21 नवंबर) वर्ष के प्रारम्भ में आत्मविश्वास तो भरपूर रहेगा, परंतु मन परेशान भी हो सकता है। परिवार में व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। 15 जनवरी के बाद नौकरी में कोई अतिरिक्त कार्य मिल सकता है। किसी मित्र का सहयोग मिलेगा। 13 फरवरी से माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पिता का सान्निध्य मिल सकता है। 12 अप्रैल के बाद से किसी पुराने मित्र से भेंट हो सकती है। आय का नया साधन बन सकता है। भवन या संपत्ति सुख में वृद्धि भी हो सकती है। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। नौकरी में तरक्की के अवसर भी मिल सकते हैं। धर्म के प्रति श्रद्धाभाव भी रहेगा। आय में वृद्धि होगी। 29 अप्रैल से शनि की ढैया प्रारम्भ हो जाएगी। कार्यों में व्यवधान आएंगे। अनियोजित खर्चों में वृद्धि होगी। मित्रों से मतभेद बढ़ सकते हैं। पिता के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। नौकरी में यात्राएं भी अधिक रहेंगी। यात्रा खर्च भी अधिक रहेंगे। संतान की ओर से सुखद समाचार मिल सकते हैं

उपाय :
●सवा आठ रत्ती का लाजवर्त चांदी की अंगूठी में दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में पहनें। 
●प्रतिदिन प्रात: दुर्गा चालीसा पढ़ें।
●सरसों के तेल में मुंह देखकर शनिवार को उस तेल में सात गुलगुले बनवाएं और सूर्यास्त के बाद कुत्तों को खिलाएं। इस तेल को दूसरे काम में न लगाएं।

 

धनु (22 नवंबर-21 दिसंबर) 
वर्ष के प्रारम्भ में मन अशांत हो सकता है। धैर्यशीलता बनाए रखने के प्रयास करें। 16 जनवरी से संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। नौकरी में कार्यभार में वृद्धि हो सकती है। परिवार में व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। 13 फरवरी के उपरांत नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। स्थान परिवर्तन भी संभव है। 7 मार्च से कारोबार की स्थिति में सुधार होना चाहिए। 12 अप्रैल से शैक्षिक कार्यों पर ध्यान दें। व्यवधान आ सकते हैं। 13 अप्रैल से माता के सुख में वृद्धि होगी। धार्मिक कार्यों में खर्च बढ़ सकते हैं। भवन के सौंदर्यीकरण के कार्यों में खर्च बढ़ सकते हैं। 29 अप्रैल से शनि की साढ़ेसाती की समाप्ति होगी। नौकरी में कार्यक्षेत्र की स्थिति में सुधार होगा। परिस्थितियां अनुकूल बनेंगी, परंतु संतान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है। नौकरी में यात्राएं बढ़ सकती हैं। परिवार का साथ रहेगा। अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। चिकित्सीय खर्च भी बढ़ सकते हैं।

उपाय:
●सवा आठ रत्ती का लाजवर्त चांदी की अंगूठी में दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहनें।
●प्रतिदिन प्रात: दुर्गा चालीसा पढ़ें।
●सरसों के तेल में मुंह देखकर शनिवार को उस तेल में सात गुलगुले बनवाएं और सूर्यास्त के बाद कुत्तों को खिलाएं। इस तेल को दूसरे काम में न लाएं।

 

मकर (22 दिसंबर-19 जनवरी)  वर्ष के प्रारम्भ में आत्मविश्वास तो भरपूर रहेगा, परंतु कारोबार में व्यवधान से परेशान हो सकते हैं। 15 जनवरी से धैर्यशीलता में कमी आ सकती है। परिवार में शांति बनाए रखने के प्रयास करें। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। परिश्रम अधिक रहेगा। मित्रों से वाद-विवाद से बचें। किसी भवन या संपत्ति में निवेश भी कर सकते हैं। 28 फरवरी से संतान के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। वाहन सुख में वृद्धि होगी। माता-पिता का सान्निध्य मिलेगा। 7 मार्च के बाद किसी मित्र से कारोबार का प्रस्ताव मिल सकता है।धन-लाभ के अवसर मिलेंगे। 12 अप्रैल से माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आय में व्यवधान आ सकते हैं। 13 अप्रैल से बृहस्पति अपनी स्वराशि में प्रवेश करके तृतीय भाव में आ जाएंगे। शिक्षा व बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। धर्म के प्रति श्रद्धा भाव बढ़ेगा। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। आय में वृद्धि हो सकती है। 29 अप्रैल को शनि के राशि परिवर्तन से उतरती साढ़ेसाती रहेगी। विदेश यात्रा के अवसर मिल सकते हैं।

उपाय :

●हर मंगलवार, सूर्यास्त के बाद हनुमान मंदिर में हनुमान जी की स्तुति करें तथा बेसन या बूंदी के चार लड्डुओं का भोग लगाएं।
●हर शनिवार सूर्यास्त के बाद आटे के बने चौमुखे दीपक में सरसों तेल डालें और पीपल के नीचे जलाएं। उसमें थोड़े काले तिल डालें।

कुंभ (20 जनवरी-18 फरवरी)

वर्ष के प्रारम्भ में मन अशांत रहेगा। लगती हुई साढ़ेसाती से खर्च की अधिकता रहेगी। कार्यों में व्यवधान और धैर्यशीलता में कमी रहेगी। 15 जनवरी से खर्चों में वृद्धि हो सकती है। अपने स्वास्थ्य और जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। 13 फरवरी से स्थिति में सुधार होगा। 27 फरवरी के बाद नौकरी में कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। परिश्रम रहेगा। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 12 अप्रैल के बाद कार्यक्षेत्र की स्थिति में सुधार होगा। नौकरी में तरक्की के अवसर मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी। बंधु-बांधवों का सहयोग मिलेगा। विदेश यात्रा की योजना बन सकती है। 13 अप्रैल से वृहस्पति के राशि परिवर्तन से धन की स्थिति में सुधार होगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। कुटुंब/परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। 29 अप्रैल से शनि आपकी राशि में प्रवेश करेंगे। साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। नौकरी में परिवर्तन के योग हैं। कार्यक्षेत्र में भी परिवर्तन संभव। परिवार से दूर रहना पड़ सकता है।

उपाय:
●प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
●हर बृहस्पतिवार गाय को प्रात: तीन केले या बेसन के लड्डू खिलाएं।
●सरसों के तेल में अपना मुंह देखें। इस तेल से शनिवार को सात गुलगुले बनाकर सूर्यास्त के बाद कुत्तों को खिलाएं। इस तेल को दूसरे काम में ना लाएं

मीन (19 फरवरी-20 मार्च) वर्ष के प्रारम्भ में आत्मविश्वास में कमी रहेगी। शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। 15 जनवरी से धैर्यशीलता में कमी आ सकती है। स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। किसी मित्र के सहयोग से आय में वृद्धि हो सकती है। परिवार में व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 27 फरवरी से संतान के स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहें। किसी संपत्ति से धन लाभ हो सकता है। 7 मार्च के बाद किसी कारोबार में निवेश कर सकते हैं। व्यावसायिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। पारिवारिक जीवन कष्टमय हो सकता है। 12 अप्रैल के बाद से शैक्षिक कार्यों में सुधार होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। धर्म के प्रति श्रद्धाभाव रहेगा। 29 अप्रैल से शनि के राशि परिवर्तन से साढ़ेसाती की शुरुआत हो जाएगी। खर्चों में वृद्धि होगी। संचित धन में कमी आएगी। नौकरी में स्थान परिवर्तन हो सकता है। बनते कार्यों में कठिनाइयां आ सकती हैं। बंधु-बांधवों से विरोध भी हो सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।

उपाय:
●प्रतिदिन शनि स्तोत्र का पाठ करें।
●सवा आठ रत्ती का लाजवर्त चांदी की अंगूठी में दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहनें।
●प्रतिदिन प्रात: ताम्बे के लोटे में जल, थोड़े चावल, चीनी और लाल चंदन का चूरा डालें और जल की धार बनाकर भगवान सूर्य को जल अर्पित करें।
 

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