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एक साल 12 माह का होता है। इस बार वर्ष 2023 में एक माह की वृद्धि हो रही है। इसलिए कई समुदाय के धार्मिक आयोजन में काफी बड़ा बदलाव है। इससे इस साल वर्ष 2023 में सिख समुदाय श्रीगुरु गोबिंद सिंह जयंती नहीं मना सकेगा। यानी सिख समुदाय अब वर्ष 2024 में ही श्रीगुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाएगा। वहीं हिन्दू समुदाय के लोग सावन 30 के बजाए 59 दिन मनाएंगे।
आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि 19 साल बाद अधिमास पड़ने से सावन का एक महीना 59 दिन का होगा। मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने बताया कि हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण माह चार जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगा। ज्योतिषाचार्य पं. दिवाकर ने बताया कि वर्ष की शुरुआत अश्विनी नक्षत्र में हुई है।
हिंदी मास के अनुसार सामान्यत 12 माह का एक वर्ष होता है परंतु इस साल एक माह की वृद्धि हो रही है। जिस माह की वृद्धि होती है, उसको मलमास या पुरुषोत्तम मास कहते हैं। इस वर्ष पुरुषोत्तम मास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक है।
पांच जनवरी को जयंती मनाने का विरोध किया
यहियागंज गुरुद्वारा कमेटी के प्रवक्ता देवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा के अध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने हर साल पांच जनवरी को श्रीगुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाए जाने का विरोध जताया था। जयंती हिन्दू कलेंडर व अकाल तख्त के निर्देश पर ही मनाई जाती है। सिख समुदाय पौ सुधी की सप्तमी (पौष मास की सप्तमी) को गुरु गोबिंद की जयंती मनाता है। इसी आधार पर जनवरी 2024 में गुरु गोबिंद जयंती मनाई जाएगी। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि वर्ष 2022 में श्रीगुरु गोबिंद सिंह की जयंती दो बार मनाई गई है। इस बार यह जयंती अगले साल होगी।
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