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Basant Panchami : वर्ष ऋतुराज बसंत के आगमन की सूचक बसंत पंचमी पर्व इस वर्ष 5 फरवरी यानी आगामी शनिवार को है। इस विशेष दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा। यह दिन दोषमुक्त रहेगा। इसके चलते जिन जोड़ों के विवाह का मुहूर्त नहीं निकल रहा है, वह भी इस दिन शादी कर सकेंगे। मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य भी हो सकेंगे। वहीं, विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा इस दिन की जाती है। विद्यालयों में कोविड नियमों के चलते बिना विद्यार्थियों की उपस्थित के ही सिर्फ स्टाफ यह पूजन करेगा। इसके अलावा शहर भर के मंदिरों में भी माता सरस्वती की पूजा अर्चना होगी।

ज्योतिष शोध संस्थान ज्योतिषाचार्य हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी पर सिद्ध, साध्य और रवि योग के त्रिवेणी योग में ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाएगी। जो कार्य में शुभता और सिद्धि प्रदान करती है। अबूझ मुहूर्त के चलते शहर भर में अधिक विवाह कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही विद्यारंभ समारोह होगा और मंदिरों में मां सरस्वती का विशेष श्रृंगार और पूजा की जाएगी।

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विद्यारंभ के लिए सबसे अच्छा दिन

  • पौराणिक मान्यता के अनुसार छात्रों के साथ लेखन कार्य करने के लिए बसंत पंचमी का दिन विशेष होता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती का दिन होने के कारण मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है। विद्यारंभ समारोह किया जाता है। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि वह ऋतुओं का वसंत है। छह ऋतुओं में वसंत ऋतुराज के रूप में पूजनीय है। इस अवसर पर प्रकृति एक नया रूप धारण करती है।

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मुहूर्त के बिना कर सकते हैं शादी

  • बसंत पंचमी का दिन दोषमुक्त दिन माना जाता है। इसी वजह से इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। इसी वजह से इस दिन बड़ी संख्या में शादियां होती हैं। विवाह के अलावा मुंडन समारोह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं। इस दिन को बागेश्वरी जयंती और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।

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