| दिन विशेष – गणेशोत्सव – छठा दिन |

गं गनपतये नमः

आज भाद्रपद कृष्ण नवमी है दिन शनिवार है आज गणेशोत्सव का छठा दिन है आज के दिन भगवान गणेश जी को गणेश सहस्त्रनाम द्वारा सुगन्धित पुष्प और दूर्वा को चढ़ाना चाहिए
कहा जाता है कि इसकी जड़ें पाताल लोक तक जाती हैं और अमृत खींचती हैं। जिस प्रकार यह स्वयं बढ़ती है उसी प्रकार यह वंश वृद्धि की भी संकेतक है।

गणपति अथर्वशीर्ष के अनुसार

यो दूर्वांकरैर्यजति स वैश्रवणोपमो भवति।

अर्थात- जो दुर्वा की कोपलों से (गणपति की) उपासना करते हैं उन्हें कुबेरके समान धन की प्राप्ति होती है।
गणेशपुराणके अनुसार पृथ्वी पर जब अनलासुर राक्षस के उत्पात से  त्रस्त ऋषि-मुनियों ने इंद्र से रक्षा की प्रार्थना की।

इंद्र भी उसे परास्त न कर सके। तब सभी देवतागण एकत्रित होकर भगवान शिव के पास गए तथा अनलासुर का वध करने का अनुरोध किया। तब शिव ने कहा इसका नाश सिर्फ श्रीगणेश ही कर सकते हैं। सभी देवताओं ने भगवान गणेश की स्तुति की जिससे प्रसन्न होकर श्रीगणेश ने अनलासुर को निगल लिया।

अनलासुर को निगलने के कारण गणेशजी के पेट में जलन होने लगी तबऋषि कश्यप ने 21 दुर्वा की गांठ उन्हें खिलाई और इससे उनकी पेट की ज्वाला शांत हुई। इसी मान्यता के चलते श्रीगणेश को दुर्वा अर्पित की जाती है।

आज के दिन को सफल बनाइये और आज भगवान गणेश जी को पुष्प और दूर्वा चढ़ा कर अपना मनोरथ पूर्ण करिये|

गणपति बप्पा मोरया

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *