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18 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस बार महाशिवरात्रि में कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। पंडित रमेशचंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव-पार्वती शक्ति का विवाह हुआ था। जो दिन शिव और गौरी के मिलन का दिन हो, वह दिन और मुर्हूत स्वयं शुभ और शुद्ध हो जाता है। फिर भी इस वर्ष 30 वर्षों के बाद शिवरात्रि पर शनि प्रदोष व्रत का अति शुभ संयोग बन रहा है।
कई पंचांगों में तिथि को लेकर संशय
- इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी 2023 शनिवार को रात 8 बजकर 2 मिनट से अगले दिन शाम 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। इसलिए कई लोगों का मानना है कि महाशिवरात्रि 19 को मनाई जाएगी। इस संबंध में वेदाचार्य बताते हैं कि महाशिवरात्रि के लिए निशिता काल पूजा का मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में होना आवश्यक हैञ इसलिए महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी।
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बन रहा है त्रिग्रही योग
- पंडित रमेशचंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि इस बार महाशिवरात्रि पर शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे। साथ ही सूर्यदेव शनि की राशि कुंभ में चंद्रमा के साथ विराजित रहेंगे। ग्रहों की यह स्थिति त्रिग्रही योग का निर्माण कर रही है। ग्रहों की यह दुर्लभ स्थिति खास लाभकारी होगी। ऐसे में महाशिवरात्रि का व्रत रखने और महादेव की पूजा करने से शनि के सभी दोष दूर होंगे और हर मनोकामना पूर्ण होगी। महाशविरात्रि के दो दिन के बाद ही सोमवती अमावस्या पड़ रहा है। महाशिवरात्रि को लेकर सभी शिवालयों में तैयारी शुरू हो गई है।
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