षष्ठं कात्यायनीति च


सभी पाठकों को सादर प्रणाम हम सभी नवरात्र के पूजा के क्रम में नवरात्र पूजा का विश्लेषण कर रहे है जिसमे आज हम छठे दिन की देवी कात्यायनी देवी के रहस्यों को जानने का प्रयास करेंगे –

सर्वप्रथम यह जानना आवश्यक है कि कात्यायनी देवी के नाम का क्या अर्थ है इनकी उत्पत्ति कैसे हुई और इनको कैसे हम प्रसन्न कर सकते है ।

मां कात्यायनी का जन्म महिर्षि कात्यायन के घर हुआ था.महिर्षि कात्यायन के घोर तपस्या करके मां दुर्गा को प्रसन्न किया था.उसके पश्चात् मां दुर्गा ने प्रसन्न होकर महिर्षि को वरदान दिया कि वे उनके यहां पुत्री का जन्म लिया.इस कारण उनका नाम कात्यायनी रखा गया ।

मां कात्यायनी को प्रसन्न करना कठिन नहीं है अगर आप उनकी सच्चे मन से पूजा आर्चना करते है तो वे आप हर कष्ट को दुर करेगी । नवरात्र के अन्य दिनों में भी देवी की उपासना करके कुंवारी कन्या अभीष्ट वर प्राप्त करती है ।

आज आशीर्वाद के क्रम में दूसरा दिन है आज के दिन कात्यायनी देवी की उपासना करके माँ से घर में सुख शान्ति का वरदान माँगना चाहिए ।देवी कात्यायनी की पूजा से विवाह के बाद की समस्याएं और पति-पत्नी के रिश्ते में आ रही परेशान‍ियां दूर होती हैं.वहीं शादी में हो रही देरी या बार-बार रिश्‍ते होकर टूटना जैसे दिक्‍कतों में भी कात्यायनी पूजा फलदायी होती है ।

अभीतक हमने छह देवियो के रहस्यों को जाना आगे सातवी देवी कालरात्रि जी रहस्य जानेगें ।

जय माता दी

 

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *