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Pradosh Vrat : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत के दिन विधि- विधान से भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा- अर्चना की जाती है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्रत 2 दिसंबर को पड़ रहा है। 2 दिसंबर को गुरुवार है, जिस वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत पूजा- विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट…

मुहूर्त-

मार्गशीर्ष, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ – 11:35 पी एम, दिसम्बर 01

मार्गशीर्ष, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त – 08:26 पी एम, दिसम्बर 02

प्रदोष काल- 2 दिसंबर 05:24 पी एम से 08:07 पी एम

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प्रदोष व्रत का महत्व-

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। 
  • गुरु प्रदोष व्रत करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
  • इस व्रत को करने से संतान पक्ष को लाभ होता है।

प्रदोष व्रत पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
  • स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • अगर संभव है तो व्रत करें।
  • भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
  • इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। 
  • भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • भगवान शिव की आरती करें। 
  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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प्रदोष व्रत पूजा- सामग्री-

  • पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

शुभ मुहूर्त-

  • ब्रह्म मुहूर्त- 05:09 ए एम से 06:03 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त- 11:50 ए एम से 12:31 पी एम
  • विजय मुहूर्त- 01:55 पी एम से 02:37 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त- 05:13 पी एम से 05:37 पी एम
  • अमृत काल- 08:31 ए एम से 09:58 ए एम

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