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इस समय आषाढ़ का महीना चल रहा है। हर माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी पड़ती है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश का एक नाम विनायक भी है। आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी 3 जुलाई, रविवार को पड़ रही है है। विनायक चतुर्थी के दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की अराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट…
मुहूर्त-
- आषाढ़, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 03:16 पी एम, जुलाई 02
- आषाढ़, शुक्ल चतुर्थी समाप्त – 05:06 पी एम, जुलाई 03
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- इसके बाद घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें।
- दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें।
- इसके बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं।
- भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें।
- भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय होता है। जो भी व्यक्ति भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करता है, भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
- भगवान गणेश की आरती करें और भोग लगाएं। आप गणेश जी को मोदक, लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं।
- इस पावन दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- अगर आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें।
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विनायक चतुर्थी महत्व
- इस पावन दिन का बहुत अधिक महत्व होता है।
- विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा- अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
- विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखने से विघ्न दूर हो जाते हैं।
विनायक चतुर्थी पूजा सामग्री लिस्ट
- भगवान गणेश की प्रतिमा
- लाल कपड़ा
- जनेऊ
- कलश
- नारियल
- पंचामृत
- पंचमेवा
- गंगाजल
- रोली
- मौली लाल
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