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हस्तरेखा में गुरु पर्वत सबसे अहम है। यह पर्वत अच्छा है या दबा हुआ है, यह उभार से तय होता है। बृहस्पति पर्वत पर बना उभार हाथ के किनारे से होकर बनता है। बृहस्पति पर्वत को छूती हुई मध्यमा के ठीक बीच में मस्तिष्क रेखा जाती है। गुरु पर्वत पर बने त्रिभुज, क्रॉस, बिंदु, वृत्त, द्वीप, जाल और तारे की स्थिति व्यक्ति के जीवन को व्यापक प्रभावित करती है।
-यदि किसी गुरु पर्वत पर छोटा से गोला बना हो अर्थात वृत्त हो तो व्यक्ति अपने प्रयत्नों से उच्च पद को हासिल करने में सफल होता है। ऐसे लोगों को उनके जीवनसाथी के परिवार से काफी मदद मिलती है। गुरु पर्वत पर तारे चिन्ह व्यक्ति को अति महत्वाकांक्षी बनाता है। वह उच्च पद को हासिल करता है और पूरी तरह से पारिवारिक और सामाजिक सरोकार की भावना से भी भरा होता है।
कहीं आपके हाथ में तो नहीं है यह निशान
-यदि व्यक्ति के गुरु पर्वत पर वर्ग है तो ऐसा व्यक्ति उच्च पद हासिल करता है। ऐसे लोग अपनी बुद्धि और योग्यता के बल पर उच्च पद पाते हैं। भले ही ऐसा व्यक्ति बेहद गरीब और साधारण परिवार में क्यों ना जन्मा हो। गुरु के इस प्रभाव से ऐसे व्यक्ति कुशल एवं सफल प्रशासक बन सकते हैं।
-यदि गुरु पर्वत पर त्रिभुज है तो व्यक्ति में कूटनीति के गुण आ जाते हैं। ऐसा व्यक्ति अपनी उन्नति और प्रगति के लिए बहुत अधिक महत्वाकांक्षी हो जाता है। इसक प्रभाव से व्यक्ति की महत्वाकांक्षा सीमाओं से परे चली जाती है। इससे व्यक्ति में अभिमान हो जाता है। इससे त्रिभुज का दोष पैदा होता है। ज्योतिष में गुरु पर्वत पर वर्ग बहुत शुभ माना गया है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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