ॐ दुर्गा देव्यै नमः


आज नवरात्र शुरू हो रहा है और हम सभी माता जी के पूजन पाठ व्रत अनुष्ठान करने में लग जाएंगे और माता से सुख सौभाग्य धन आदि की प्राप्ति , या निष्काम भाव से माता की पूजा करेंगे । क्या हमने कभी ये सोचा की ऐसा क्या है इसे शारदीय नवरात्र ही क्यों कहते है ? कोई और क्यों नही कहते है? इसमें नव देवियो की ही पूजा क्यों होती है ? और अगर नव देवियो की ही पूजा होती है तो पहले शैलपुत्री ही क्यों ब्रह्मचारिणी क्यो नही आदि प्रश्न के बारे में तो चलिए आज जानते है इन सब प्रश्नों कें उत्तर माता के आशीर्वाद से ।

क्यों आता है नवरात्र :

सर्व प्रथम तो ये चर्चा करते है कि इस समय ही क्यों आता है नवरात्र ? वैसे तो वर्ष भर में 4 नवरात्र होते है जिसमे से दो विशेष है

  1. वासंतिक नवरात्र
  2. शारदीय नवरात्र

वासंतिक नवरात्र अगर आप ध्यान देंगे तो यह समझ में आएगा की हमेशा गर्मी के शुरू होने के ठीक पहले होता है और शारदीय नवरात्र ठंडी के शुरू होने के ठीक पहले होता है | और जब दो ऋतू का मिश्रण होता है तभी रोग का आगमन होता है तो इस समयकाल में हम लोग जो व्रत पूजा हवन करते है उसमे व्रत के द्वारा शरीर की शुद्धि एवं पूजा पाठहवन के द्वारा पर्यावरण को शुद्ध करने का प्रयास करते है |

देवी की ही आराधना क्यों करे:

अब यहाँ एक प्रश्न यह भी उठता है की जब हमे पूजा पाठ ही करना है तो देवी की ही आराधना क्यों करे किसी अन्य देवता की क्यों नहीं ? इसका कारण यह है की देवी ही प्रकृति सवरूपा है हम तो प्रत्यक्ष रूप से तो देवी की पूजा कर रहे है परन्तु परोक्ष रूप से तो हम प्रकृति की उपासना कर रहे है उस प्रकृति की जो हमे हमेशा खुश रहने का वरदान देती रहती है और प्रकृति की उपासना के बाद ही हम नए ऋतू में प्रवेश कर पाते है इसी कारण हम प्रकृतिस्वरूपा भगवती की उपासना करते है |

नव देवियो की ही पूजा क्यों करते है:

अब बात करते है नव देवियो की ही पूजा क्यों करते है १० देवी या ८ देवी की क्यों नहीं ? इसके बहुत सारे कारण है पहला कारण है देवी की पूजा नव आवरण से होती है , हमारे शरीर में प्राण (वायु ) के प्रवेश करने के निकलने के नव द्वार है और हिन्दू शास्त्र में सभी चीजे नव ही है नवग्रह , नव अंक , नवधाभक्ति सबसे बड़ा कारण हम देवी को नव दिनों में नव प्रकार के चीजों को माता को समर्पित करते है आदि ऐसे अनगिनत कारण है नव होने के.

नव देवियो के नाम शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी क्रम से क्यों है अलग अलग आगे पीछे क्यों नहीं:

नव देवियो के नाम शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी क्रम से क्यों है अलग अलग आगे पीछे क्यों नहीं तो इसका कारण है की आज प्रथम दिन है इसलिए आज हम शैलपुत्री जी की बात करते है-

हम शैलपुत्री जी पूजा इसलिए करते है क्योंकि माँ शैलपुत्री एक छोटी सी कन्या के रूप में पूजी जाती है और वो मनुष्यो के अंदर शांति के रूप में रहती है इसलिए हमें प्रथम दिन की होने वाले की पूजा करते हुए हम अपने चंचलता समर्पित करना चाहिए है और माता से प्रार्थना करना चाहिए की आप मुझे मेरे घर में सभी के अंदर धैर्यता की रूप विराजमान रहे |

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नवरात्री विचार - प्रथम दिन | क्यों करते है प्रथम दिन शैलपुत्री जी की ही पूजा
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नवरात्री विचार - प्रथम दिन | क्यों करते है प्रथम दिन शैलपुत्री जी की ही पूजा
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आज नवरात्र शुरू हो रहा है और हम सभी माता जी के पूजन पाठ व्रत अनुष्ठान करने में लग जाएंगे और माता से सुख सौभाग्य धन आदि की प्राप्ति , या निष्काम भाव से माता की पूजा करेंगे । क्या हमने कभी ये सोचा की ऐसा क्या है इसे शारदीय नवरात्र ही क्यों कहते है ? कोई और क्यों नही कहते है? इसमें नव देवियो की ही पूजा क्यों होती है ? और अगर नव देवियो की ही पूजा होती है तो पहले शैलपुत्री ही क्यों ब्रह्मचारिणी क्यो नही आदि प्रश्न के बारे में तो चलिए आज जानते है इन सब प्रश्नों कें उत्तर माता के आशीर्वाद से ।
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